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Board Paper of Class 10 2018 Hindi (SET 2) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं- क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1
    निम्नलिखित पद्याशं को रहकर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिएः
    तुम्हारी निश्चल आँखें
    तारों–सी चमकती हैं मेरे अकेलेपन की रात के आकाश में
    प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता है
    जंरूर दिखाई देती होंगी नसीहतें
    नुकीले पत्थरों–सी 
    दुनिया भर के पिताओं की लंबी कतार में
    पता नहीं कौन–सा कितना करोड़वाँ नंबर है मेरा
    पर बच्चों के फूलोंवाले बग़ीचे की दुनिया में
    तुम अव्वल हो पहली क़तार में मेरे लिए
    मुझे माफ़ करना मैं अपनी मूर्खता और प्रेम में समझता था
    मेरी छाया के तले ही सुरक्षित रंग–बिरंगी दुनिया होगी तुम्हारी
    अब जब तुम सचमुच की दुनिया में निकल गई हो
    मैं खुश हूँ सोचकर
    कि मेरी भाषा के अहाते से परे है तुम्हारी परछाई।
    (क) बच्चे माता–पिता की उदासी में उजाला भर देते हैं–यह भाव किन पंक्तियों में आया है?
    (ख) प्रायः बच्चों को पिता की सीख कैसी लगती है?
    (ग) माता–पिता के लिए अपना बच्चा सर्वश्रेष्ठ क्यों होता है?
    (घ) कवि ने किस बात को अपनी मूर्खता माना है और क्यों?
    (ङ) भाव स्पष्ट कीजिएः 'प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता।' VIEW SOLUTION


  • Question 2
    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिएः
    महात्मा गांधी ने कोई 12 साल पहले कहा था–

    मैं बुराई करने वालों को सजा देने का उपाय ढूँढ़ने लगूँ तो मेरा काम होगा उनसे प्यार करना और धैर्य तथा नम्रता के साथ उन्हें समझाकर सही रास्ते पर ले आना। इसलिए असहयोग या सत्याग्रह घृणा का गीत नहीं है। असहयोग का मतलब बुराई करने वाले से नहीं, बल्कि बुराई से असहयोग करना है।
    आपके असहयोग का उद्धेश्य बुराई को बढ़ावा देना नहीं है। अगर दुनिया बुराई को बढ़ावा देना बंद कर दे तो बुराई अपने लिए आवश्यक पोषण के अभाव में अपने-आप मर जाए। अगर हम यह देखने की कोशिश करें कि आज समाज में जो बुराई है, उसके लिए खुद हम कितने ज़िम्मेदार हैं तो हम देखेंगे कि समाज से बुराई कितनी जल्दी दूर हो जाती है। लेकिन हम प्रेम की एक झूठी भावना में पड़कर इसे सहन करते हैं। मैं उस प्रेम की बात नहीं करता, जिसे पिता अपने गलत रास्ते पर चल रहे पुत्र पर मोहांध होकर होकर बरसाता चला जाता है, उसकी पीठ थपथपाता है; और न मैं उस पुत्र की बात कर रहा हूँ जो झूठी पितृ-भक्ति के कारण अपने पिता को दोषों को सहन करता है। मैं उस प्रेम की चर्चा नहीं कर रहा हूँ। मैं तो उस प्रेम की बात कर रहा हूँ, जो विवेकयुक्त है और जो बुद्धियुक्त है और जो एक भी गलती की ओर से अाँख बंद नहीं करता है। यह सुधारने वाला प्रेम है।
    (क) गांधीजी बुराई करने वालों को किस प्रकार सुधारना चाहते हैं?
    (ख) बुराई को कैसे समाप्त किया जा सकता है?
    (ग) 'प्रेम' के बारे में गांधीजी के विचार स्पष्ट कीजिए।
    (घ) असहयोग से क्या तात्पर्य है?
    (ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए। VIEW SOLUTION


  • Question 3
    (क) 'हास्य' रस का एक उदाहरण लिखिए।
    (ख) निम्नलिखित पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिएः
    मैं सत्य कहता हूँ सखे! सुकुमार मत जानो मुझे,
    यमराज से भी युद्ध को प्रस्तूत सदा मानो मुझे।
    (ग) 'रति' किस रस का स्थायी भाव है?
    (घ) 'करूण' रस का स्थायी भाव क्या है? VIEW SOLUTION


  • Question 4
    रेखांकित पदों का पद -परिचय लिखिए |
    अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मैं तरस गया | VIEW SOLUTION


  • Question 5
    निर्देशानुसार उत्तर लिखिए |
    (क) गुरुदेव आराम कुर्सी पर लेटे हुए थे और प्राकृतिक सौँदर्य का आनंद ले रहे थे |
    (सरल वाक्य में बदलिए)
    (ख) बालगोविन जानते हैं कि अब बुढ़ापा आ गया |
    (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)
    (ग) मॉरीशस की स्वच्छता देखकर मन प्रसन्न हो गया
    (मिश्र वाक्य में बदलिए )
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  • Question 6
    निर्देशानुसार वाक्य बदलिए।
    (क) जिस आदमी ने पहले–पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा अाविष्कर्ता होगा। (कर्तृवाच्य में)
    (ख) खबर सुनकर वह चल भी नहीं पा रही थी। (भाववाच्य में)
    (ग) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद किया जाता है। (कर्तृवाच्य में)
    (घ) मई महीने में शीला अग्रवाल को काॅलेज वालों ने नोटिस थमा दिया। (कर्मवाच्य में)
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  • Question 7
    निम्नलिखित पद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिएः
    हमारैं हरि हारिल की लकरी।
    मन क्रम बचन नंद–नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
    जागत सोवत स्वप्न दिवस–निसि, कान्ह–कान्ह जकरी।
    सुनत जोग लागत है ऐसी, ज्यौं करूई ककरी।
    सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
    यह तौ 'सूर' तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी
    (क) गोपियों को योग कैसा लगता है? क्यों?
    (ख) 'हारिल की लकरी' किसे कहा गया है और क्यों?
    (ग) 'तिनहिं लै सौंपौ' में किसकी ओर क्या संकेत किया गया है ? VIEW SOLUTION


  • Question 8
    निम्नलिखित गद्यांश के अाधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिए:
    जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई तब भी हालदार साहब इस मूर्ति के बारे में ही सोचते रहे, और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्त्व मूर्ति के रंग-रुप या कद का नहीं, उस भावना का है; वरना तो देशभक्ति भी आजकल मज़ाक की चीज़ होती जा रही है।
    दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुज़रे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है।
    (क) 'देशभक्ति भी आजकल मज़ाक की चीज़ होती जा रही है।' – इस पंक्ति में देश और लोगों की किन स्थितियों की ओर संकेत किया गया है?
    (ख) दूसरी बार मूर्ति देखने पर हालदार साहब को उसमें क्या परिवर्तन दिखाई दिया?
    (ग) हालदार साहब को कस्बे के नागरिकों का कौन-सा प्रयास सराहनीय लगा और क्यों? VIEW SOLUTION


  • Question 9
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिएः
    (क) वर्तमान समाज को 'संस्कृत' कहा जा सकता है या 'सभ्य' ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
    (ख) 'काशी में बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्लाखाँ एक–दूसरे के पूरक हैं' – कथन का क्या आशय है?
    (ग) महावीर प्रसाद दि्ववेदी शिक्षा–प्रणाली में संशोधन की बात क्यों करते हैं?
    (घ) 'बालगोबिन भगत' पाठ में किन सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार किया गया है ? VIEW SOLUTION


  • Question 10
    'मैं क्यों लिखता हूँ', पाठ के आधार पर बताइए कि विज्ञान के दुरुपयोग से किन मानवीय मूल्यों की क्षति होती है? इसके लिए हम क्या कर सकते हैं?
     
    अथवा
     
    "आज आपकी रिपोर्ट छाप दूँ तो कल की अखवार बंद हो जाए"–स्वतंत्रता संग्राम के दौर में समाचार–पत्रों के इस रवैये पर 'एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा' के आधार पर जीवन-मूल्यों की दृष्टि से लगभग 150 शब्दों में चर्चा कीजिए।
    VIEW SOLUTION


  • Question 11
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिएः
    (क) संगतकार की हिचकती आवाज उसकी विफलता क्यों नहीं है?
    (ख) 'कन्यादान' कविता में व्यक्त किन्हीं दो सामाजिक कुरीतियों का उल्लेख कीजिए।
    (ग) बादलों की गर्जना का आह्वान कवि क्यों करना चाहता है? 'उत्साह' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
    (घ) जयशंकर प्रसाद के जीवन के कौन से अनुभव उन्हें आत्मकथा लिखने से रोकते हैं? VIEW SOLUTION


  • Question 12
    विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा निर्मित -हस्तकला की वस्तुओं  की प्रदर्शनी के प्रचार हेतु लगभग 50 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए |
    अथवा
    पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लगभग 50  शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए | VIEW SOLUTION


  • Question 13
    निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत–बिंदुओं के आधार पर 200 से 250 शब्दों में निबंध लिखिएः
    (क) पर्वों का बदलता स्वरूप
    • तात्पर्य
    • परंपरागत तरीके
    • बाजार का बढ़ता प्रभाव

    (ख) बीता समय फिर लौटता नहीं
    • समय का महत्तव
    • समय नियोजन
    • समय गँवाने की हानियाँ

    (ग)  महानगरीय जीवन 
    • विकास की अंधी दौड़
    • संबंधों का ह्रास
    • दिखावा
    VIEW SOLUTION


  • Question 14
    पटाखों से होने वाले प्रदूषण के प्रति ध्यान आकर्षित करते हुए अपने मित्र को पत्र  लिखिए |
    अथवा
    आपके क्षेत्र के पार्क को कूड़ेदान बना दिया गया था | अब पुलिस की पहल और मदद से पुनः बच्चों के किये खेल का मैदान बन गया है | अतः आप पुलिस आयुक्त को धन्यवाद पत्र लिखिए | VIEW SOLUTION
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