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Board Paper of Class 10 2013 Hindi (SET 3) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1
    ​निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
    मेरा मन कभी-कभी बैठ जाता है। समाचार पत्रों में ठगी, डकैती, चोरी और भ्रष्टाचार के समाचार भरे रहते हैं। ऐसा लगता है देश में कोई ईमानदार आदमी रह ही नहीं गया है। हर व्यक्ति संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। इस समय सुखी वही है, जो कुछ नहीं करता; जो भी कुछ करेगा, उसमें लोग दोष खोजने लगेंगे। उसके सारे गुण भुला दिये जायेंगे और दोषों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाने लगेगा। दोष किसमें नहीं होते? यही कारण है कि हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम या बिल्कुल ही नहीं। यह चिन्ता का विषय है।
    तिलक और गांधी के सपनों का भारतवर्ष क्या यही है? विवेकानन्द और रामतीर्थ का आध्यात्मिक ऊँचाई वाला भारतवर्ष कहाँ है? रवीन्द्रनाथ ठाकुर और मदनमोहन मालवीय का महान, सुसंस्कृत और सभ्य भारतवर्ष पतन के किस गहन गर्त में जा गिरा है? आर्य और द्रविड़, हिन्दू और मुसलमान, यूरोपीय और भारतीय आदर्शों की मिलनभूमि ‘महामानव समुद्र’ क्या सूख ही गया है?
    यह सही है कि इन दिनों कुछ ऐसा माहौल बना है कि ईमानदारी से मेहनत करके जीविक चलाने वाले निरीह श्रमजीवी पिस रहे हैं और झूठ और फरेब का रोजगार करने वाले फल-फूल रहे हैं। ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है, सचाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। ऐसी स्थिति में जीवन के मूल्यों के बारे में लोगों की आस्था ही हिलने लगी है। किन्तु ऐसी दशा से हमारा उद्धार जीवन-मूल्यों में आस्था रखने से ही होगा। ऐसी स्थिति में हताश हो जाना ठीक नहीं है।

    i) ‘मेरा मन कभी-कभी बैठ जाता है’ वाक्य का आशय है–
    (क) लेखक के मन में पछतावा होता है
    (ख) लेखक का मन दुखी हो जाता है
    (ग) लेखक को अपराध भाव की अनुभूति होती है
    (घ) लेखक का ह्रदय देश की दुर्दशा से चिन्तित हो उठता है


    (ii) कौनसी स्थिति चिन्ता का विषय है?
    (क) व्यक्ति के गुणों की उपेक्षा और दोषों पर अधिक ध्यान
    (ख) व्यक्ति का कर्मशीलता के प्रति उपेक्षा का भाव
    (ग) व्यक्ति की ईमानदारी की उपेक्षा
    (घ) निठल्ले लोगों की सुखमयता

    (iii) ‘महामानव समुद्र क्या सूख ही गया’ का अभिप्राय है–
    (क) विशाल सागर जलहीन हो गया
    (ख) समुद्र का विस्तार सीमित हो गया
    (ग) आदर्शों का समन्वय और सद्भाव लुप्त हो गया
    (घ) भारत का जलनिधि रत्नहीन हो गया

    (iv) इस उथल-पुथल में देशवासियों के लिए संदेश है–
    (क) ईमानदारी और मेहनत से जीविका चलाना
    (ख) झूठ और फरेब से नफरत करना
    (ग) जीवन-मूल्यों में आस्था रखना
    (घ) देश की समृद्धि के लिए कार्य करना
     
    (v) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है–
    (क) समाज में व्याप्त अनैतिकता
    (ख) महान् महर्षियों का देश भारत
    (ग) जीवन-मूल्यों में आस्था
    (घ) निराशाजनक स्थिति और हमारा देश
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  • Question 2
    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
    भारत वर्ष ने कभी भी भौतिक वस्तुओं के संग्रह को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया उसकी दृष्टि में मनुष्य के भीतर जो आन्तरिक तत्व स्थिर भाव से बैठा हुआ है, वही चरम और परम है। लोभ-मोह, काम-क्रोध आदि विकार मनुष्य में स्वाभाविक रुप से विद्यमान रहते है, पर उन्हें प्रधान शक्ति मान लेना और अपने मन और बुद्धि को उन्हीं के इशारे पर छोड़ देना, बहुत निकृष्ट आचरण है। भारतवर्ष ने उन्हें सदा संयम के बन्धन से बाँधकर रखने का प्रयत्न किया है।
    इस देश के कोटि-कोटि दरिद्र जनों की हीन अवस्था को सुधारने के लिए अनेक कायदे-कानून बनाए गए। जिन लोगों को इन्हें कार्यान्वित करने का काम सौंपा गया वे अपने कर्त्तव्यों को भूलकर अपनी सुख-सुविधा की ओर ज्यादा ध्यान देने लगे। वे लक्ष्य की बात भूल गए और लोभ, मोह जैसे विकारों में फँसकर रह गए। आदर्श उनके लिए मज़ाक का विषय बन गया और संयम को दकियानूसी मान लिया गया। परिणाम जो होना था, वह हो रहा है – लोग लोभ और मोह में पड़कर अनर्थ कर रहे हैं, इससे भारतवर्ष के पुराने आदर्श और भी अधिक स्पष्ट रुप से महान और उपयोगी दिखाई देने लगे हैं। अब भी आशा की ज्योति बुझी नहीं हैं। महान भारतवर्ष को पाने की संभावना बनी रहेगी।
     
    (i) लेखक के मतानुसार निकृष्ट आचरण का स्वरुप है–
    (क) व्यक्ति का दुश्चरित्र होना और आदर्शों से पतन
    (ख) स्वार्थ हेतु दूसरों के कार्यों में बाधा
    (ग) मन और बुद्धि पर लोभ-मोह आदि का नियंत्रण
    (घ) कानून के उल्लंघन द्वार सामाजिक अव्यवस्था

    (ii) लोभ-मोह आदि विकारों के नियंत्रण का साधन है–
    (क) धर्म
    (ख) कानून
    (ग) संयम
    (घ) सत्संगति

    (iii) करोड़ों गरीबों की दशा सुधारने के प्रयास सफल नहीं हुए क्योंकि लागू करने वाले-
    (क) स्वार्थवश अपना कर्त्तव्य भूल गए
    (ख) काम पूरा न कर सके
    (ग) सफलता के प्रति शंकालु हो गए
    (घ) पर्याप्त धन न होने से असफल हो गए

    (iv) आदर्श एवं संयम को दकियानूसी मानने का दुष्परिणाम है–
    (क) देश में फैली अराजकता
    (ख) समाज में व्याप्त नैतिकता
    (ग) लोभ और मोह से हो रहे अनर्थ
    (घ) भ्रष्ट साधनों से अर्जित धन
     
    (v) ‘दकियानूसी’ का पर्यायवाची है–
    (क) भाग्यवादी
    (ख) रुढ़िवादी
    (ग) साम्यवादी
    (घ) विस्तारवादी
     
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  • Question 3
    निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उचित उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
    बिन बैसाखी अपनी शर्तों पर, मैं मदमस्त चला।।
    सब्ज़बाग़ को दिखा-दिखा
    दुनिया रह-रह मुसकाई।
    कंचन और कामिनी ने भी
    अपनी छटा दिखाई।

    सतरंगे जग के साँचे में, मैं न कभी ढला।।
    चिनगारी पर चलते-चलते
    रुका-झुका ना पल-छिन।
    गिरे हुओं को रहा उठाता
    गले लगाता अनुदिन।
    हालाहल पीते-पीते ही मैं जीवन-भर चला।।
    कितने बढ़े-चढ़े द्रुत चलकर
    शैलशिखर श्रृंगों पर।
    कितने अपनी लाश लिए
    फिरते अपने कंधों पर।
    सबकी अपनी अलग नियति है, है जीने की कला।।
    आँधी से जूझा करना ही
    बस आता है मुझको।
    पीड़ाओं के संग-संग जीना
    भाता है बस मुझको।
    मैं तटस्थ, जो भी जग समझे कह ले बुरा-भला।।
     
    (i) सतरंगी संसार कवि को मोहित न कर सका, क्योंकि–
    (क) सांसारिकता के प्रति उसका लगाव नहीं है
    (ख) मोहकता उसको मोहने में समर्थ नहीं है
    (ग) उसको केवल अपने सिद्धान्तों से ही प्यार है
    (घ) वह सांसारिक मोह को तुच्छ समझता है

    (ii) कवि को जीवन में क्या रास नहीं आया?
    (क) कष्टों से भरे मार्ग पर चलना
    (ख) दीनों-दलितों का उद्धार करना
    (ग) जीवन के सुखमय क्षणों को भोगना
    (घ) आजीवन वेदनाओं के विष का पान करना

    (iii) कवि का विश्वास है कि हरेक का भाग्य अलग-अलग होता है, इसलिए संसार में-
    (क) कोई धनिक है तो कोई धनहीन
    (ख) कोई उन्नति करता है तो कोई निराश रहता है
    (ग) कोई जीवन में सुख भोगता है तो कोई दुख
    (घ) कोई सम्पन्न होकर भी सुखों से वंचित रहता है

    (iv) कवि न जीवन बिताया है-
    (क) कष्टों से जूझकर और पीड़ाओं को चूमकर
    (ख) दुखियों के दुख दूर कर और निराश्रितों को आश्रय देकर
    (ग) ड़ूबते को बचाकर और भूखों को भोजन देकर
    (घ) क्रान्ति का बिगुल बजाकर और मातृभूमि को जीवन देकर
     
    (v) ‘कितने बढ़े-चढ़े द्रुत चलकर शैल-शिखर श्रृंगों पर’ अलंकार है–
    (क) उपमा
    (ख) अनुप्रास
    (ग) रूपक
    (घ) यमक
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  • Question 4
    निम्नलिखित काव्यांश को आधार पर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर के लिए उचित विकल्प चुनकर लिखिए:
    उचित विकल्प चुनकर लिखिए:
    जब कभी मछेरे को फेंका हुआ
    फैला जाल
    समेटते हुए देखते हूँ
    तो अपना सिमटता हुआ
    ‘स्व’ याद हो आता है-
    जो कभी समाज, गाँव और
    परिवार के वृहत्तर परिधि में
    समाहित था
    ‘सर्व’ की परिभाषा बनकर,
    और अब केन्द्रित हो
    गया हूँ मात्र बिन्दु में।
    जब कभी अनेक फूलों पर,
    बैठी, पराग को समेटती
    मधुमक्खियों को देखता हूँ
    तो मुझे अपने पूर्वजों की
    याद हो आती है,
    जो कभी फूलों को रंग, जाति, वर्ग
    अथवा कबीलों में नहीं बाँटते थे
    और समझते रहे थे कि
    देश एक बाग़ है
    और मधु-मनुष्यता
    जिससे जीने की अपेक्षा होती है।
    किन्तु अब
    बाग़ और मनुष्यता
    शिलालेखों में जकड़ गई है
    मात्र संग्रहालय की जड़ वस्तुएँ।

    (i) कविता में ‘स्व’ शब्द का आशय है-
    (क) धन, सम्पत्ति, दौलत
    (ख) अपना, अपनापन, लगाव
    (ग) कल्याण, हितभावना, भलाई
    (घ) प्रशासन, शासन, अनुशासन

    (ii) किसी समय में कवि की ‘स्व’ की सीमा थी-
    (क) अपने माता-पिता तक
    (ख) अपनी पत्नी और बच्चों तक
    (ग) पूरे समाज और गाँव तक
    (घ) केवल घनिष्ठ मित्रों तक

    (iii) पुराने समय में कवि के पूर्वज विश्वास करते थे-
    (क) रंग के आधार पर देशवासियों के विभाजन में
    (ख) जाति के आधार पर देशवासियों के वर्गीकरण में
    (ग) भाषा एवं धर्म के आधार पर देश के बँटवारे में
    (घ) भिन्न वर्गों एवं जातियों की एकता में


    (iv) देश को एक बाग़ माना गया है क्योंकि यहाँ विविध प्रकार के-
    (क) फूल होते हैं
    (ख) तितलियाँ होती हैं
    (ग) लोग रहते हैं
    (घ) पशु-पक्षी रहते हैं
     
    (v) काव्यांश का संदेश है-
    (क) मनुष्यता की परिभाषा बदल गई है
    (ख) मनुष्यता जड़ वस्तु बनकर रह गई है
    (ग) मनुष्यता का स्वरुप संकीर्ण हो गया है
    (घ) मनुष्यता संगठन में नहीं विघटन में देखी जाती है
    VIEW SOLUTION


  • Question 5
    निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए:
    ​(क) हम उस कस्बे से गुजरे थे।
    (ख) बसन्त ऋतु सुहावनी होती है।
    (ग) शहर पूरी तरह डूब गया है।
    (घ) पानवाला खुशमिजाज़ आदमी था।
    (ङ) तुम सदा समय का सदुपयोग करते होVIEW SOLUTION


  • Question 6
    निर्देशानुसार उत्तर दीजिए:
    (क) वह इस दौड़ में सफल नहीं होगा क्योंकि वह आलसी है - वाक्य का प्रकार बताइए।
    (ख) तुम उस बाज़ार में जाना जहाँ पुस्तकें मिलती हैं - वाक्य का प्रकार लिखिए।
    (ग) जो छात्र अनुशासित होते हैं वे सब अध्यापकों के प्रिय होते हैं - सरल वाक्य में रुपान्तरण कीजिए।
    (घ) बेईमानी के पैसे से व्यक्ति में दुर्गुण पैदा हो ही जाते हैं - मिश्र वाक्य में बदलिए।
    (ङ) नौकरानी आई। अपना काम किया। वह चली गई - संयुक्त वाक्य में बदलिए। VIEW SOLUTION


  • Question 7
    निर्देशानुसार उत्तर दीजिए:
    (क) पान वाले ने यह रहस्य बता दिया - कर्मवाच्य में बदलिए।
    (ख) यह कौम बिकने के मौके ढूँढती है - कर्मवाच्य में बदलकर लिखिए।
    (ग) आइए उस बेंच पर बैठें - भाववाच्य में बदलिए।
    (घ) उनसे संस्कृत नहीं बोली जाती थी - कर्तृवाच्य में बदलिए।
    (ङ) तुम सारी रात कैसे जागोगे? - भाववाच्य में बदलिए। VIEW SOLUTION


  • Question 8
    निम्नलिखित काव्यांशों में प्रयुक्त अलंकारों को पहचानकर लिखिए:
    (क) यवन को दिया दया का दान।
    (ख) निर्मल तेरा नीर अमृत के सम उत्तम है।
    (ग) जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।
    (घ) मैया मैं तो चन्द्र खिलौना लैहों।
    (ङ) देखूँ उसे मैं नित बार-बार, मानो मिला मित्र मुझे पुराना। VIEW SOLUTION


  • Question 9
    निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
    उस समय तक हमारे परिवार में लड़की के विवाह के लिए अनिवार्य योग्यता थी-
    उम्र में सोलह वर्ष और शिक्षा में मैट्रिक। सन् ’44 में सुशीला ने यह योग्यता प्राप्त की और शादी करके कोलकाता चली गई। दोनों बड़े भाई भी आगे पढ़ाई के लिए बाहर चले गए। इन लोगों की छत्र-छाया के हटते ही पहली बार मुझे नए सिरे से अपने वज़ूद का एहसास हुआ। पिताजी का ध्यान भी पहली बार मुझ पर केन्द्रित हुआ। लड़कियों को जिस उम्र में स्कूली शिक्षा के साथ-साथ सुघड़ गृहिणी और कुशल पाक-शास्त्री बनने के नुस्खे जुटाए जाते थे, पिताजी का आग्रह रहता था कि मैं रसोई से दूर ही रहूँ। रसोई को वे भटियारखाना कहते थे और उनके हिसाब से वहाँ रहना अपनी क्षमता और प्रतिभा को भट्टी में झोंकना था।

    (i) लड़की की वैवाहिक योग्यता से सिद्ध होती है, उस परिवार की:
    (क) स्वतंत्र विचारधारा
    (ख) परम्परावादी मान्यता
    (ग) पाश्चात्य विचारधारा
    (घ) अत्याधुनिक सोच

    (ii) बड़े बहन-भाई के परिवार से जाने के बाद:
    (क) परिवार में लेखिका का महत्व बढ़ गया
    (ख) माता-पिता से अधिक प्यार मिलने लगा
    (ग) लेखिका को अपने अस्तित्व का बोध हुआ
    (घ) लेखिका को पाक-शास्त्र पढ़ाया जाने लगा

    (iii) लेखिका के पाक-शास्त्री बनने के विषय में पिताजी का मानना था-
    (क) पाक-क्रिया की कुशलता से लड़की सुघड़ गृहिणी बनती है
    (ख) विवाह के उपरान्त ससुराल में उसकी सराहना होती है
    (ग) उसका गृहस्थ सदा सुखी और स्वस्थ रहता है
    (घ) रसोई के काम से लड़की की योग्यता और प्रतिभा कुंद हो जाती है

    (iv) ‘पिताजी का आग्रह था कि मैं रसोई से दूर ही रहूँ’ – वाक्य का प्रकार है-
    (क) सरल
    (ख) संयुक्त
    (ग) मिश्र
    (घ) साधारण
     

    (v) ‘इन लोगों की छत्रछाया हटते ही’ कथन में  ‘इन लोगों’ से तात्पर्य है-
    (क) क्षमता और प्रतिभा
    (ख) भाई-बहिन
    (ग) माता-पिता
    (घ) सखी-सहेली

    अथवा

    मसलन बिस्मिल्ला खाँ की उम्र अभी 14 साल है। वही काशी है। वही पुराना बालाजी का मंदिर जहाँ बिस्मिल्ला खाँ को नौबतखाने रियाज़ के लिए जाना पड़ता है। मगर एक रास्ता है बालाजी मंदिर तक जाने का। यह रास्ता रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर जाता है। इस रास्ते से अमीरुद्दीन को जाना अच्छा लगता है। इस रास्ते न जाने कितने तरह को बोल-बनाव, कभी ठुमरी, कभी टप्पे, कभी दादरा के मार्फत ड्योढ़ी तक पहुँचते रहते हैं। रसूलन और बतूलन जब गाती हैं तब अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है। अपने ढेरों साक्षात्कारों में बिस्मिल्ला खाँ साहब ने स्वीकार किया है कि उन्हें अपने जीवन के आरम्भिक दिनों में संगीत के प्रति आसक्ति इन्हीं गायिका बहिनों को सुनकर मिली है। एक प्रकार से उनकी अबोध उम्र में अनुभव की स्लेट पर संगीत प्रेरणा की वर्णमाला रसूलबाई और बतूलनबाई ने उकेरी है।

    (i) बिस्मिल्ला खाँ का मूल नाम है-
    (क) सादिक हुसैन
    (ख) शम्सुद्दीन
    (ग) अमीरुद्दीन
    (घ) अलीबख्श

    (ii) बिस्मिल्ला खाँ को बालाजी मन्दिर जाने के लिए एक खास रास्ता ही क्यों पंसद था?
    (क) वह रास्ता छोटा था
    (ख) उस रास्ते पर उनके मित्रों के घर थे
    (ग) उस रास्ते पर दो बहिनों का गायन सुनने को मिलता था
    (घ) उन्हें ठुमरी, टप्पा, दादरा पंसद था।

    (iii) कैसे कहा जा सकता है कि उन्हें संगीत की प्रेरणा इन दोनों बहिनों से मिली?
    (क) इनका गायन बहुत उत्कृष्ट था
    (ख) यह गायन प्राय: उन्हें सुनने को मिलता था
    (ग) इस गायन के प्रति आसक्ति को उन्होंने स्वीकार किया है
    (घ) इस गायन में एक विशेष मोहकता थी।

    (iv) संगीत का एक रुप नहीं है-
    (क) शहनाई
    (ख) टप्पा
    (ग) ठुमरी
    (घ) दादरा
     
    (v) ‘रसूलन और बतूलन जब गाती हैं तब अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है’- वाक्य का प्रकार है-
    (क) सरल
    (ख) संयुक्त
    (ग) मिश्र
    (घ) साधारण
    VIEW SOLUTION


  • Question 10
    स्त्री शिक्षा के विषय में आप महावीर प्रसाद द्विवेदी के विचारों से कहाँ तक सहमत हैं? उचित तर्क देकर अपने विचारों की पुष्टि कीजिए। VIEW SOLUTION


  • Question 11
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    (क) मन्नू भण्डारी के जीवन में शीला अग्रवाल के योगदान पर प्रकाश डालिए।
    (ख) संस्कृति पाठ के लेखक की दृष्टि में भूखे को भोजन देने वाले, श्रमिकों और पीड़ित मानवता के उद्धारक भी संस्कृत व्यक्ति हैं। इस बात से आप कहाँ तक सहमत हैं। स्पष्ट कीजिए।
    (ग) बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की ऐसी दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिन्होंने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया है। VIEW SOLUTION


  • Question 12
    निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    बालकु बोलि बधौं नहि तोही। केवल मुनि जड़ जानहि मोही।।
    बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रिय कुल द्रोही।।
    भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महि देवन्ह दीन्ही।।
    सहसबाहु भुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा।।

    (क) काव्यांश में किसका किसके प्रति संबोधन है?
    (ख) परशुराम की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
    (ग) ‘परशु’ की क्या विशेषता थी? लिखिए।
    (घ) अलंकार-बताइए-भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्हीं
    (ङ) आशय स्पष्ट कीजिए ‘केवल मुनि जड़ जानहि मोहि’।

    अथवा

    माँ ने कहा पानी में झाँककर
    अपने चेहरे पर मत रीझना
    आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
    जलने के लिए नहीं
    वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
    बंधन हैं स्त्री जीवन के
    माँ ने कहा लड़की होना
    पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।
     
    (क) माँ बिटिया को किस अवसर पर यह सीख दे रही है और क्यों?
    (ख) बिटिया को चेहरे पर रीझने के लिए मना क्यों किया जा रहा है?
    (ग) आग के विषय में माँ के कथन का क्या अभिप्राय है?
    (घ) माँ ने आभूषणों को स्त्री जीवन के बंधन क्यों कहा है?
    (ङ) ‘लड़की जैसी दिखाई मत देना’ कथन का आशय समझाइए। VIEW SOLUTION


  • Question 13
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    (क) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर राम के स्वभाव की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
    (ख) ‘छाया मत छूना’ कविता में दुख के क्या कारण बताए गए हैं?
    (ग) ‘कन्यादान’ कविता में माँ ने बेटी को अंतिम पूँजी क्यों कहा है?
    (घ) ‘संगतकार’ कविता में संगतकार की मनुष्यता को कवि ने कैसे स्पष्ट किया है?
    (ङ) दिखावा प्रधान आधुनिक समाज में क्या संगतकार जैसे व्यक्ति की कोई उपयोगिता है? इस विषय में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए। VIEW SOLUTION


  • Question 14
    ‘साना साना हाथ जोड़ि’ पाठ में देश की सीमा पर तैनात फौजियों की चर्चा की गई है। लिखिए कि अपने उत्तरदायित्व के निर्वाह में सैनिक ईमानदारी, समर्पण, अनुशासन आदि जीवनमूल्यों का निर्वाह किस प्रकार करते हैं?
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  • Question 15
    ​निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

    (क) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ के लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?

    (ख) ‘साना साना हाथ जोड़ि’ पाठ में प्रदूषण के कारण स्नोफाल की कमी का जिक्र है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के किन्हीं दो उपायों का उल्लेख कीजिए।

    (ग) भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में दुलारी और टुन्नू ने अपना योगदान किस प्रकार किया?

    (घ) ‘साना साना हाथ जोड़ि’ यात्रा वृत्तान्त में वर्णित ऐसी घटना का उल्लेख कीजिए जिसने आपको बहुत प्रभावित किया हो।

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  • Question 16
    निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अनुच्छेद लिखिए:
    (क) अविस्मरणीय घटना
    -कब और कहाँ
    -आपकी भूमिका
    -आप पर प्रभाव

    (ख) मेरे सपनों का जीवन
    -महत्वाकांक्षा
    -रुचि का महत्व
    -लक्ष्य-निर्धारण

    (ग) ओलम्पिक खेलों में भारत
    -खेलों का महत्व
    -विजेता खिलाड़ी
    -भारत का स्थान
    VIEW SOLUTION


  • Question 17
    विदेश यात्रा में सभी प्रकार की व्यवस्था करने वाले मित्र के प्रति आभार की अभिव्यक्ति कऱते हुए एक पत्र लिखिए।
     
    अथवा
     
    विद्यालय में दसवीं कक्षा की परीक्षा से पूर्व विभिन्न विषयों के अध्यापन की अच्छी व्यवस्था करने के लिए प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों के प्रति कृतज्ञ़ता ज्ञापन का एक पत्र लिखिए।
    VIEW SOLUTION
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