Board Paper of Class 10 2016 Hindi (SET 3) - Solutions
(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं- क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
(ii) चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए।सड़क मार्ग से हम आगे बढ़े और सरयूपुल पर ही बस्ती जिले की सीमा में प्रवेश किया। हमारा पहला पड़ाव कुशीनगर था, मगर हम कुछ देर मगहर में रुके। कबीर की निर्वाण भूमि, मगर फिरकापरस्तों ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है और उन्हें मन्दिर और मकबरे में बाँट दिया है। मठ के महंत ने हमारे भोजन की व्यवस्था की और आसपास के स्कूल और कॉलेज की लड़़कियों से मुलाकात भी कराई। उनसे बातचीत से हमने जाना कि अब स्थितियाँ बदली हैं, लड़कियों की पढ़ाई और नौकरी पर ध्यान दिया जाता है। मगर सामाजिकता का लोप-सा होने लगा है, अब ब्याह और मरनी-हरनी में भी एका नजर नहीं आता। गीतों की बात चली तो वहाँ मौजूद पचास-साठ लड़कियों में किसी को भी लोकगीत याद नहीं थे।वहाँ से हम कुशीनगर पहुँचे। रात घिरने लगी थी, मगर हम पंडरी गाँव के लोगों से मिले। कुशीनगर से लगभग बीस किलोमीटर होने पर भी विकास का एक कण भी यहाँ नहीं पहुँचा था। मगर यहाँ के युवा सजग हैं, वे स्वप्रयास से स्कूल भी चलाते हैं। रात को हम बौद्ध मठ में ठहरे। यह मठ किसी शानदार विश्रामगृह से कम नहीं था। सुबह हम केसिया गाँव गए। सामाजिक और पारिवारिक विघटन के इस दौर में एकमात्र संयुक्त परिवार मिला। हमने उनसे बात की। उस परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला के पास तीज-त्योहार, गीत-गवनई की अनुपम थाती थी, मगर उनसे सीखने वाला कोई नहीं था। नई पीढ़ी लोक से विरत थी।
(क) लेखक मगहर में रुकने के बाद सर्वप्रथम कहाँ रुकेः(i) बस्ती में
(ii) कुशीनगर में
(iii) कबीर की निर्वाण भूमि में
(iv) पंडरी गाँव में
(ख) कबीर की किस मेहनत पर पानी फिर गया?(i) साप्रदायिक भेदभाव से ऊपर उठाने का प्रयास
(ii) हिन्दु धर्म के प्रचार-प्रसार का प्रयास
(iii) ब्याह और मरनी में एका करने का प्रयास
(iv) कुशीनगर को बचाने का प्रयास
(ग) कौन सी विशेषता पंडरी गाँव के युवाओं की नहीं है :(i) सचेत हैं
(ii) शिक्षा के प्रति सजग हैं
(iii) विकास से वंचित हैं
(iv) खेती के लिए नए अनुसंधान करते हैं
(घ) "मगर सामाजिकता का लोप-सा होने लगा है,"- का भाव है :(i) सामाजिक सरोकारों का अभाव
(ii) मरने-जीने पर एकता दिखती है
(iii) सांस्कृतिक ज्ञान का आभाव
(iv) सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार
(ङ) गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है :(i) मगहर से कुशीनगरVIEW SOLUTION
(ii) हमारी यात्रा हमारा देश
(iii) सरयू से बागमती तक
(iv) कबीर की अनुपम थाती
- Question 2
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए।उन दिनों मैं अपने छात्रों को आनुवंशिकी पढ़ाया करता था। उस समय मैं मांसपेशियों की कमजोरियों पर भी कुछ प्रयोग कर रहा था। इन प्रयोगों से ही ‘एपिजेनेटिक्स’ की विधा निकल कर आई थी। मैं मूल कोशिकाओं के प्रतिरूप तैयार करता था। ये मूल कोशिका की एकदम ठीक नकल होते थे। इन प्रतिरूपी कोशिकाओं को मैं एक-एक कर के अलग करता और उन्हें अलग-अगल वातावरण में रखता, अलग-अलग बर्तनों में।
इस संस्कार में रखी कोशिकाओं हर 10-12 घंटे में विभाजित होती हैं, एक से दो हो जाती हैं। फिर अगले 10-12 घंटे में दो से चार, और फिर चार से आठ। इसी तरह दो हफ्ते में हजारों कोशिकाएँ तैयार होतीं। फिर मैंने तीन भिन्न वातावरण में कोशिकाओं की तीन भिन्न बस्तियाँ तैयार कीं। इन ‘बस्तियों’ का रासायनिक वातावरण एकदम अलग-अलग था। ठीक कुछ वैसे ही जैसे हर व्यक्ति के शरीर का वातावरण अलग होता है और एक ही शरीर के भीतर भी कई तरह केे वातावरण होते हैं। अलग-अलग वातावरण में भी रखी गई इन कोशिकाओं का ‘डी.एन.ए.’ तो एकदम समान था। उनका पर्यावरण, उनका वातावरण भिन्न था। जल्दी ही इस प्रयोग के नतीजे सामने आने लगे।
एक बर्तन में उन्हीं कोशिकाओं ने हड्डी का रूप ले लिया था, एक में मांसपेशी का और तीसरे बर्तन में कोशिकाओं ने वसा या चर्बी का रूप ले लिया। यह प्रयोग इस सवाल का जवाब ढूँढने के लिये किया था कि कोशिकाओं की किस्मत कैसे तय होती है। सारी कोशिकाएँ एक ही मूल से निकली थीं। तो नए सिरे से यह सिद्ध हुआ कि कोशिकाओं की आनुवंशिकी नियति तय नहीं करती है। जवाब था; परिवेश। पर्यावरण। वातावरण।(क) लेखक ने आनुवंशिकी के प्रयोग के लिए सर्वप्रथम क्या किया?(i) मूल कोशिकाओं के प्रतिरुप तैयार कर भिन्न-भिन्न वातावरण में रखना(ii) कोशिकाओं के संस्कार को समझने का प्रयास(iii) अपने छात्रों को आनुवंशिकी का 'नियतिवाद' पढ़ाना(iv) 40 साल पहले का इतिहास समझाने का प्रयास
(ख) संस्कार में रखी कोशिकाएँ हर 10 —12 घंटे में विभाजित होकर कितनी हो जाती हैं?(i) चौगुनी
(ii) तिगुनी
(iii) दुगुनी
(iv) हजार गुनी
(ग) लेखक ने किस प्रश्न का उत्तर समझने के लिए यह प्रयोग किया था?(i) कौन—सी कोशिकाएँ हड्डी बनती हैं
(ii) कौन—सी कोशिकाएँ मांसपेशी का रूप लेती हैं
(iii) कोशिकाएँ वसा में कैसे बदलती हैं
(iii) कोशिकाओं की किस्मत कैसे निश्चित होती है
(घ) प्रयोग से क्या नतीजा निकला?(i) कोशिकाओं की नियति तय करने वाला घटक है— परिवेश
(ii) कोशिकाओं की आनुवंशिकी (डी. एन. ए.) उनकी नियति तय करती है
(iii) मानव का स्वभाव कोशिकाओं की नियति तय करता है
(iv) सर्वोच्च सत्ता कोशिकाओं की नियति तय करती है
(ङ) अपने प्रयोग के दौरान लेखक तैयार करता था:(i) मूल कोशिकाएँ
(ii) नई मांसपेशियाँ
(iii) मूल कोशिकाओं की नकलें
(iv) भित्र वातावरण
- Question 3
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए :
थोड़े से बच्चों के लिए
एक बग़ीचा है
उनके पाँव दूब पर पड़ रहे हैं
असंख्य बच्चों के लिए
कीचड़, धूल और गंदगी से पटी
गलियाँ हैँ जिनमें वे
अपना भविष्य बीन रहे हैं
एक मेज़ है
सिर्फ़ छह बच्चों के लिए
और उनके सामने
उतने ही अंडे और उतने ही सेब हैं
एक कटोरदान है सौ बच्चों के बीच
और हज़ारों बच्चे
एक हाथ में रखी आधी रोटी को
दूसरे से तोड़ रहे हैं
ईश्वर होता तो इतनी देर में उसकी देह कोढ़ से गलने लगती
सत्य होता तो वह अपनी न्यायाधीश की
कुर्सी से उतरकर जलती सलाखें आँखों में खुपस लेता,
सुंदर होता तो वह अपने चेहरे पर
तेज़ाब पोत अंधे कुएँ में कूद गया होता लेकिन ..........
यहाँ दृश्य में
सिर्फ़ कुछ छपे हुए शब्द हैं
चापलूसी की नाँद में
लपलपाती जुबानें
और मस्तिष्क में काले गणित का
पैबंद है।
(क) दूब पर पड़ने वाले पाँव किन बच्चों के हो सकते हैं?(i) जो अभी बहुत छोटे हैं
(ii) जो समृद्ध परिवार से हैं
(iii) जो शिक्षित परिवार से हैं
(iv) जो गरीब परिवार से हैं
(ख) 'वे अपना भविष्य बीन रहे हैं' का तात्पर्य है :(i) कूड़ा बीन कर गरीब बच्चे जीवन चलाते हैं
(ii) वे कूड़े में रहते हैं
(iii) असंख्य बच्चे सुख नहीं पाते
(iv) गलियों में बच्चे अपना भविष्य बनाते हैं
(ग) एक मेज़ है/ सिर्फ़ छह बच्चों के लिए/ और उनके सामने/ उतने ही अंडे और उतने ही सेब हैं/ एक कटोरदान है सौ बच्चों के बीच/ और हज़ारों बच्चे एक हाथ में रखी आधी रोटी को/ दूसरे से तोड़ रहे हैंउपर्युक्त पंक्तियों में कवि किस असमानता की बात कर रहा है?(i) धार्मिक असमानता
(ii) सामाजिक असमानता
(iii) आर्थिक असमानता
(iv) शैक्षिक असमानता
(घ) कवि किस बात से निराश हो गया है?(i) नैतिक मूल्य कहीं खो गए हैं
(ii) असीम सत्ता को लोग पहचानते नहीं
(iii) न्याय पाने के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है
(iv) बच्चों की पोशाकों में भी बहुत अंतर है
(ङ) कवि हमें किस वास्तविकता से परिचित करवाता है :(i) समाज में असमानताएँ हैं और ईश्वर को चिंता नहीं हैVIEW SOLUTION
(ii) बातें सिर्फ़ कागज़ी हैं, चापलूसी और जोड-तोड़ का धंधा फल-फूल रहा है
(iii) यदि सत्य होता तो सच में न्यायाधीश अपना काम करते
(iv) बहुत से बच्चे होटलों में काम करने को मजबूर हैं
- Question 4
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए :
जब बचपन तुम्हारी गोद में
आने से कतराने लगे,
जब माँ की कोख से झाँकती ज़िंदगी
बाहर आने से घबराने लगे,
समझो कुछ गलत है।
जब तलवारें फूलों पर,
जोर आज़माने लगें
जब मासूम आँखों में
खौफ़ नज़र आने लगे
समझो कुछ गलत है।
जब किलकारियाँ सहम जाएँ
जब तोतली बोलियाँ, खामोश हो जाएँ, समझो ......
कुछ नहीं, बहुत कुछ गतल है
क्योंकि जोर से बारिश होनी चाहिए थी,
पूरी दुनिया में, हर जगह, टपकने चाहिए थे आँसू,
रोना चाहिए था ऊपर वाले को, आसमाँ से फूट फूट कर
शर्म से झुकनी चाहिए थीं, इंसानी सभ्यता की गर्दनें
शोक का नहीं, सोच का वक्त है
मातम नहीं, सवालों का वक्त है
अगर इसके बाद भी सर उठा कर
खड़ा हो सकता है इंसान
समझो कि बहुत कुछ गलत है।
(क) माँ की कोख से झाँकती जिंदगी को घबराहट क्यों हो सकती है?(i) उसे बाहर की असुरक्षा का आभास हो रहा है
(ii) उसे प्रदूषण को डर सता रहा है
(iii) उसे माँ ने बाहर की वास्तविकता बताई है
(iv) बाहर का मौसम अनुकूल नहीं है
(ख) जब तलवारें फूलों पर जोर आज़माने लगें, जब मासूम आँखों में खौफ़ नज़र आने-लगे का तात्पर्य है :(i) जब मासूमों पर अत्याचार होने लगे
(ii) मानव अपने स्वार्थ के लिए उद्यान उजाड़ने लगे
(iii) जब मासूम बच्चों को भय के बिना रहना पड़े
(iv) जब मासूम आपस में लड़ने लगें
(ग) कवि के अनुसार बहुत गलत कब है?(i) जब ओस तलवार की नोक पर गिरे
(ii) जब मासूम सहम जाएँ
(iii) जब बचपन समाप्ति की कगार पर हो
(iv) जब किलकारियों की गूँज खामोश हो जाए
(घ) कुछ भी गतल नहीं है, यदि :(i) बचपन गोद में आने लगे
(ii) बच्चों पर अत्याचार होने लगे
(iii) बाल श्रम बढ़ जाए
(iv) भ्रूण हत्या होने लगे
(ङ) कवि के अनुसार अभी किसका वक्त है :(i) सोच-विचार काVIEW SOLUTION
(ii) दुख मनाने का
(iii) उत्सव मनाने का
(iv) मासूमों का
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