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Board Paper of Class 10 2015 Hindi (SET 2) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं- क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1
    निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

    हे ग्राम–देवता नमस्कार।
    जन कोलाहल से दूर
    कहीं एकाकी सिमटा–सा निवास,
    रवि–शशि का उतना नहीं
    कि जितना प्राणों का होता प्रकाश,
    श्रम–वैभव के बल पर करते हो
    जड़ में चेतनता का विकास
    दानों–दानों से फूट रहे, सौ–सौ दानों के हरे हास
    यह है न पसीने की धारा
    यह गंगा की है धवल धार – हे ग्राम–देवता नमस्कार।
    तुम जन–मन के अधिनायक हो
    तुम हँसो कि फूले–फले देश,
    आओ सिंहासन पर बैठो
    यह राज्य तुम्हारा है अशेष,
    उर्वरा भूमि के नए खेत के
    नए धान्य से सजे देश,
    तुम भू पर रहकर भूमि भार
    धारण करण करते हो मनुज शेष,
    महिमा का कोई नहीं पार
    हे ग्राम–देवता नमस्कार ।।

    (क) ग्राम–देवता को किसका अ​धिक प्रकाश मिलता है और क्यों ?
    (ख) 'तुम हँसो' का क्या तात्पर्य है ? गाँवों के हँसने का क्या परिणाम हो सकता है ?
    (ग) जड़ में चेतनता का विकास कौन करता है और कैसे ?
    (घ) जन–मन का अधिनायक किसे कहा गया है ? उसके प्रसन्न होने का क्या परिणाम होगा ? VIEW SOLUTION


  • Question 2
    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    चरित्र का मूल भी भावों के विशेष प्रकार के संगठन में ही समझना चाहिए। लोकरक्षा और लोक–रंजन की सारी व्यवस्था का ढाँचा इन्हीं पर ठहराया गया है। धर्म–शासन, राज–शासन, मत–शासन – सबमें इनसे पूरा काम लिया गया है। इनका सदुपयोग भी हुआ है और दुरुपयोग भी। जिस प्रकार लोक–कल्याण के व्यापक उद्देश्य की सिद्धि के लिए मनुष्य के मनोविकार काम में लाए गए हैं उसी प्रकार संप्रदाय या संस्था के संकुचित और परिमित विधान की सफलता के लिए भी। सब प्रकार के शासन में – चाहे धर्म–शासन हो, चाहे राज–शासन, मनुष्य–जाति से भय और लोभ से पूरा काम लिया गया है। दंड का भय और अनुग्रह का लोभ दिखाते हुए राज–शासन तथा नरक का भय और स्वर्ग का लोभ दिखाते हुए धर्म–शासन और मत–शासन चलते आ रहे हैं। इसके द्वारा भय और लोभ का प्रवर्तन सीमा के बाहर भी प्राय: हुआ है और होता रहता है। जिस प्रकार शासक–वर्ग अपनी रक्षा और स्वार्थसिद्धि के लिए भी इनसे काम लेते आए हैं उसी प्रकार धर्म–प्रवर्तक और आचार्य अपने स्वरूप वैचित्र्य की रक्षा और अपने प्रभाव की प्रतिष्ठा के लिए भी। शासक वर्ग अपने अन्याय और अत्याचार के विरोध की शान्ति के लिए भी डराते और ललचाते आए हैं। मत–प्रवर्तक अपने द्वेष और संकुचित विचारों के प्रचार के लिए भी कँपाते और डराते आए हैं। एक जाति को मूर्ति–पूजा करते देख दूसरी जाति के मत–प्रवर्तकों ने उसे पापों में गिना है। एक संप्रदाय को भस्म और रुद्राक्ष धारण करते देख दूसरे संप्रदाय के प्रचारकों ने उनके दर्शन तक को पाप माना है।

    (क) लोकरंजन की व्यवस्था का ढाँचा किस पर आधारित है ? तथा इसका उपयोग कहाँ किया गया है ?
    (ख) दंड का भय और अनुग्रह का लोभ किसने और क्यों दिखाया है ?
    (ग) धर्म–प्रवर्तकों ने स्वर्ग–नरक का भय और लोभ क्यों दिखाया है ?
    (घ) शासन व्यवस्था किन कारणों से भय और लालच का सहारा लेती है ?
    (ङ) संप्रदायों–जातियों की भिन्नता किन रूपों में दिखाई देती है ?
    (च) प्रतिष्ठा और लोभ शब्दों के समानार्थक शब्द लिखिए। VIEW SOLUTION


  • Question 3
    पद किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए। VIEW SOLUTION


  • Question 4
    निर्देशानुसार उत्तर दीजिए –
    (क) मैं ठीक समय पर पहुँच गया परंतु सुरेश नहीं आया। (रचना के आधार पर वाक्य–भेद लिखिए)
    (ख) गरजते बादलों में ​बिजली कौंध रही है। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
    (ग) जो परिश्रम करता है उसकी पराजय नहीं होती। (सरल वाक्य में बदलिए) VIEW SOLUTION


  • Question 5
    (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए —
          देश—विदेश, भारतभाग्य
    (ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए —
          मीठा है जो अन्न, मालवाली गाड़ी VIEW SOLUTION


  • Question 6
    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए —
    (क) आप जब बुलाओगे, मैं अवश्य आऊँगा।
    (ख) मैंने कल ही उसे खबर करी है।
    (ग) वह पागल कुत्ता हो गया है।
    (घ) तुम मेरे को क्या समझाओगे? VIEW SOLUTION


  • Question 7
    निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए –
    मुट्ठी भर आदमी, कूट–कूट कर भरना। VIEW SOLUTION


  • Question 8
    ''हमें सत्य में जीना चाहिए, सत्य केवल वर्तमान है।'' 'पतझर में टूटी पत्तियाँ' के इस कथन को स्पष्ट करते हुए लिखिए कि लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?
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  • Question 9
    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ–हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं, पर क्या वे ऊपर चढ़ते हैं? खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर ले चलें यही महत्व की बात है।
    (क) व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग क्यों रहते हैं?
    (ख) महत्व की बात क्या है? और क्यों?
    (ग) व्यवहारवादी और आदर्शवादी लोगों में क्या अन्तर है? VIEW SOLUTION


  • Question 10
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
    (क) 'अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले' पाठ में समुद्र के गुस्से का क्या कारण था? उसने अपना गुस्सा कैसे शांत किया?
    (ख) 'कारतूस' पाठ के आधार पर लिखिए कि सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
    (ग) 'गिरगिट' पाठ के आधार पर लिखिए कि इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ख्यू​क्रिन पर क्यों झुँझला रहा था? VIEW SOLUTION


  • Question 11
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
    (क) मैथिलीशरण गुप्त ने गर्वरहित जीवन बिताने के लिए क्या तर्क दिए हैं?
    (ख) बिहारी ने माला जपने और तिलक लगाने को व्यर्थ कहकर क्या संदेश देना चाहा है?
    (ग) 'कर चले हम फिदा' कविता में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है? VIEW SOLUTION


  • Question 12
    'आत्मत्राण' कविता के द्वारा कवि क्या कहना चा​हता है? उसका संदेश स्पष्ट कीजिए। VIEW SOLUTION


  • Question 13
    'सपनों के से दिन' पाठ में हेडमास्टर शर्मा जी की, बच्चों को मारने–पीटने वाले अध्यापकों के ​प्रति, क्या धारणा थी? जीवन–मूल्यों के संदर्भ में उसके औचित्य पर अपने विचार लिखिए। VIEW SOLUTION


  • Question 14
    दिए गए संकेत–बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर 80–100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए:
    (क) युवाओं के लिए मतदान का अधिकार
          – मतदान का अधिकार क्या और क्यों?
          – जागरूकता आवश्यक
          – सुझाव

    (ख) शिक्षक–शिक्षार्थी  संबंध
          – प्राचीन भारत में गुरू–शिष्य संबंध
          – वर्तमान युग में आया अन्तर
          – हमारा कर्त्तव्य

    (ग) मित्रता
          – आवश्यकता
          – मित्र किसे बनाएँ
          – लाभ VIEW SOLUTION


  • Question 15
    दूरदर्शन निदेशालय को पत्र लिखकर अनुरोध कीजिए कि किशोरों के लिए देशभ​क्ति की प्रेरणा देने वाले अधिकाधिक कार्यक्रमों को प्रसारित करने की ओर ध्यान दिया जाय।
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  • Question 16
    विद्यालय में वृक्षारोपण समारोह के आयोजन के लिए आपको संयोजक बनाया गया है। पूरे विद्यालय की सहभागिता के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में तैयार कीजिए।
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  • Question 17
    आजकल दूरदर्शन पर होने वाले किशोरों के लिए कार्यक्रमों में सुधार की आवश्यकता पर मित्र से हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
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  • Question 18
    आपके विद्यालय में वार्षिकोत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा हस्तनिर्मित, टिकाऊ और उपयोगी सामग्री के विक्रय हेतु दीवाली मेला के लिए एक विज्ञापन लगभग 25 शब्दों में लिखिए।
    VIEW SOLUTION
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