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ऐसे-ऐसे

पाठ का सार / प्रतिपाद्य -

प्रस्तुत नाटक 'ऐसे-ऐसे' के लेखक 'विष्णु प्रभाकर' जी हैं। यह एक हास्य प्रधान नाटक है। पाठ में एक छोटे बच्चे के मनोभावों को चित्रित किया गया है। अक्सर छोटे बच्चे अपनी गलती को छुपाने के लिए झ…

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