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संज्ञा

ऋकारांत स्त्रीलिंग


संसारे व्यक्ते: जातीनां, वस्तूनां, स्थानानां, भावानां च नामानि संज्ञा भवन्ति

अर्थात, किसी व्यक्ति, वस्तु स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

यथा -

महात्मा गाँधी

मेघा:

 

छात्र:

सौन्दर्यम्

सर्वप्रथम हम ऋकारांत शब्दों के बारे में जानेंगे। जैसा कि शब्द से ही पता चल रहा है

ऋकारांत अर्थात जिसके अन्त में '' हो वे शब्द ऋकारांत कहलाते हैं।

जैसे मातृ, स्वस़ृ आदि।

आइए अब हम ऋकारांत स्त्रीलिंग शब्द मातृ (माता) तथा स्वस़ृ (बहन) के रुपों को देखें। तत्पश्चात् हम इनके आधार पर कुछ वाक्य बनाएगें।

सबसे पहले हम एक नज़र 'मातृ' शब्द पर डालते हैं।

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा विभक्ति

माता

मातरौ

मातर:

द्वितीया विभक्ति

मातरम्

मातरौ

मातृ:

तृतीया विभक्ति

मात्रा

मातृभ्याम्

मातृभि

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