Board Paper of Class 10 2015 Hindi (SET 1) - Solutions
(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं- क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
(ii) चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
प्रश्न-1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए-भारत में हरित क्रांति का मुख्य उद्देश्य देश को खाद्यान्न मामले में आत्मनिर्भर बनाना था, लेकिन इस बात की आशंका किसी को नहीं थी कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल न सिर्फ खेतों में, बल्कि खेतों से बाहर मंडियों तक में होने लगेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग खाद्यान्न की गुणवत्ता के लिए सही नहीं है। लेकिन जिस रफ़्तार से देश की आबादी बढ़ रही है, उसके मद्देनज़र फसलों की अधिक पैदावार ज़रूरी थी। समस्या सिर्फ रासायनिक खादों के प्रयोग की ही नहीं है। देश के ज्यादातर किसान परंपरागत कृषि से दूर होते जा रहे हैं। दो दशक पहले तक हर किसान के यहाँ गाय, बैल और भैंस खूँटों से बँधे मिलते थे। अब इन मवेशियों की जगह ट्रैक्टर-ट्रॉली ने ले ली है। परिणाम स्वरूप गोबर और घूरे की राख से बनी कंपोस्ट खाद खेतों में गिरनी बंद हो गई। पहले चैत-बैसाख में गेहूँ की फसल कटने के बाद किसान अपने खेतों में गोबर, राख और पत्तों से बनी जैविक खाद डालते थे। इससे न सिर्फ खेतों की उर्वरा-शक्ति बरकरार रहती थी, बल्कि इससे किसानों को आर्थिक लाभ के अलावा बेहतर गुणवत्ता वाली फसल मिलती थी।(ii) गाँव में गोबर आसानी से मिलता है।
(क) हरित क्रांति अपने साथ क्या नहीं लाई-
(i) खाद्यान्न के लिए आत्मनिर्भरता
(ii) रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक
(iii) परंपरागत खेती से किसानों की दूरी
(iv) बेहतर गुणवत्ता वाली फसल
(ख) गोबर खाद की विशेषता है-
(i) जैविक है और उर्वरा-शक्ति को बनाए रखती है।
(iii) मंडी तक ले जाई जा सकती है।
(iv) किसान की सर्वाधिक पसंद है।
(ग) रासायनिक खाद की विशेषता नहीं है-
(i) पैदावार बढ़ाना
(ii) खाद्यान्न की गुणवत्ता बढ़ाना
(iii) सस्ता होना
(iv) सहज उपलब्ध होना
(घ) रासायनिक खाद के अतिरिक्त किस प्रमुख समस्या का उल्लेख है?
(i) किसानों का परंपरागत कृषि से दूर होना
(ii) फसल की बिक्री के लिए मंडी उपलब्ध न होना
(iii) ट्रैक्टर का बढ़ता उपयोग
(iv) खेतों की उर्वरा-शक्ति नष्ट होना
(ङ) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है-
(i) जहरीले कीटनाशक
(ii) हरित क्रांति
(iii) गुणकारी फसल
(iv) परंपरागत कृषि VIEW SOLUTION
- Question 2
प्रश्न-2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए-ताजमहल, महात्मा गांधी और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र - इन तीन बातों से दुनिया में हमारे देश की ऊँची पहचान है। ताजमहल भारत की अंतरात्मा की, उसकी बहुलता की एक धवल धरोहर है। यह सांकेतिक ताज आज खतरे में है। उसको बचाए रखना बहुत ज़रूरी है।
मजहबी दर्द को गांधी दूर करता गया। दुनिया जानती है, गांधीवादी नहीं जानते हैं। गांधीवादी उस गांधी को चाहते हैं जो कि सुविधाजनक है। राजनीतिज्ञ उस गांधी को चाहते हैं जो कि और भी अधिक सुविधाजनक है। आज उस असुविधाजनक गांधी का पुन: आविष्कार करना चाहिए, जो कि कड़वे सच बताए, खुद को भी और औरों को भी।
अंत में तीसरी बात लोकतंत्र की। हमारी जो पीड़ा है, वह शोषण से पैदा हुई है, लेकिन आज विडंबना यह है कि उस शोषण से उत्पन्न पीड़ा का भी शोषण हो रहा है। यह है हमारा ज़माना। लेकिन अगर हम अपने पर विश्वास रखें और अपने पर स्वराज लाएँ को हमारा ज़माना बदलेगा। खुद पर स्वराज तो हम अपने अनेक प्रयोगों से पा भी सकते हैं। लेकिन उसके लिए अपनी भूलें स्वीकार करना, खुद को सुधारना बहुत आवश्यक होगा।
(क) संसार में भारत को जाना जाता है-
(i) ताजमहल के सौन्दर्य के आकर्षण के कारण
(ii) महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्य के कारण
(iii) ताज, महात्मा गांधी और लोकतंत्रीय प्रणाली के कारण
(iv) अपनी धवल धरोहर के कारण
(ख) लेखक गांधी के किस रूप को अपनाने की बात कहता है-
(i) जो सुविधाजनक हो
(ii) जो कटु सत्य कहने में पीछे नहीं हटे
(iii) जो मजहबी दर्द पर मरहम लगाए
(iv) जो सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाए
(ग) लोकतंत्र में भी हमारी पीड़ा का कारण है
(i) शोषण
(ii) उपेक्षा
(iii) सरकारें
(iv) अविश्वास
(घ) 'खुद पर स्वराज' कैसे लाया जा सकता है?
(i) जब सब जगह अपना राज हो
(ii) लोकतंत्र को बढ़ावा देकर
(iii) अपनी गलतियाँ मानकर और स्वयं को सुधार कर
(iv) भ्रष्टाचार को रोककर
(ङ) गद्यांश के लिए उचित शीर्षक होगा-
(i) धवल धरोहर
(ii) भारत
(iii) सौंदर्य का प्रतीक ताजमहल
(iv) हमारी पहचान VIEW SOLUTION
- Question 3
प्रश्न-3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कोलाहल हो,
या सन्नाटा, कविता सदा सृजन करती है,
जब भी आँसू
हुआ पराजित, कविता सदा जंग लड़ती है।
जब भी कर्ता हुआ अकर्ता,
कविता ने जीना सिखलाया
यात्राएँ जब मौन हो गईं
कविता ने चलना सिखलाया।
जब भी तम का
जुल्म चढ़ा है, कविता नया सूर्य गढ़ती है,
जब गीतों की फसलें लुटतीं
शीलहरण होता कलियों का,
शब्दहीन जब हुर्इ चेतना
तब-तब चैन लुटा गलियों का।
जब कुर्सी का
कंस गरजता, कविता स्वयं कृष्ण बनती है।
अपने भी हो गए पराए, यूँ झूठे अनुबंध हो गए
घर में ही वनवास हो रहा
यूँ गूँगे संबंध हो गए।
(क) कविता को सृजनात्मक कहा गया है क्योंकि कविता
(i) हर परिस्थिति में सर्जक की भूमिका निभाती है।
(ii) गुणों की सराहना करती है
(iii) मौन यात्रा कराती है
(iv) कवि का विश्वास दृढ़ करती है
(ख) 'कविता सदा जंग लड़ती है' का भाव है-
(i) कविता में हारे हुए को सांत्वना देने की क्षमता है
(ii) कविता संघर्ष की प्रेरणा देती है
(iii) कविता चुनौती स्वीकार करने को बाध्य करती है
(iv) कविता आनंद देती है।
(ग) कविता जीना कब सिखाती है?
(i) जब कर्मठ अकर्मण्य हो जाता है
(ii) जब लोग मौन साध लेते हैं
(iii) जब लोग हार जाते हैं
(iv) जब लोग संन्यास लेने की सोचने लगते हैं
(घ) जब निराशा और अंधकार पाँव पसारता है तब प्रेरणा कहाँ से मिलती है?
(i) स्वयं से
(ii) समस्याओं से
(iii) लोगों से
(iv) कविता से
(ङ) 'परस्पर संबंधों में दूरियाँ बढ़ने लगीं'- यह भाव किस पंक्ति में आया है?
(i) यूँ गूँगे संबंध हो गए
(ii) शब्दहीन हुई अब चेतना
(iii) यात्राएँ जब मौन हो गईं
(iv) जब गीतों की फसलें लुटतीं VIEW SOLUTION
- Question 4
प्रश्न-4. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए-
जनता? हाँ, मिट्टी की अबोध मूरतें वही,
जाड़े-पाले की कसक सदा सहनेवाली,
जब अंग-अंग में लगे साँप हों चूस रहे,
तब भी न कभी मुँह खोल दर्द कहनेवाली।
मानो, जनता हो फूल जिसे एहसास नहीं,
जब चाहो तभी उतार सजा लो दोनों में;
अथवा कोई दुधमुँही जिसे बहलाने के
जंतर-मंतर सीमित हों चार खिलौनों में।
लेकिन, होता भूडोल, बवंडर उठते हैं,
जनता जब कोपाकुल हो भृकुटी चढ़ाती है;
दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो,
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
हुंकारों से महलों की नींव उखड जाती,
साँसों के बल से ताज हवा में उड़ता है;
जनता की रोके राह, समय में ताब कहाँ?
वह जिधर चाहती, काल उधर ही मुड़ता है।
सबसे विराट जनतंत्र जगत का आ पहुँचा,
तैंतीस कोटि-हित सिंहासन तैयार करो;
अभिषेक आज राजा का नहीं, प्रजा का है,
तैंतीस कोटि जनता के सिर पर मुकुट धरो।
आरती लिये तू किसे ढूँढ़ता है मूरख,
मंदिरों, राजप्रासादों में, तहखानों में?
देवता कहीं सड़कों पर मिट्टी तोड रहे,
देवता मिलेंगे खेतों में खलिहानों में।
(क) कवि ने भारतीय जनता की सहनशीलता का वर्णन किस रूप में किया है?
(i) भारतीय जनता सभी अत्याचार सहती है।
(ii) वह हाथ जोड़े हर आज्ञा मानती है।
(iii) वह मिट्टी की मूरत बनी आवाज नहीं उठाती।
(iv) नासमझी के कारण सहनशील बनी रहती है।
(ख) 'अथवा कोई दुधमुँही जिसे बहलाने के जंतर-मंतर सीमित हों चार खिलौनों में' कथन का क्या भाव है?
(i) जनता को लालच देकर फुसलाया जा सकता है।
(ii) भारतीयों को किसी लालच से फुसलाया नहीं जा सकता है।
(iii) भारतीय जनता बच्चे के समान कमजोर नहीं है।
(iv) भारतीय जनता बहुत सीधी है उसे बहलाना कठिन नहीं है।
(ग) जनता के क्रोध का क्या परिणाम होता है?
(i) भ्रांति
(ii) शांति
(iii) क्रांति
(iv) अशांति
(घ) 'प्रजा का अभिषेक होने' का क्या तात्पर्य है?
(i) जनता के हाथ में सत्ता सौंपना
(ii) राजाओं को अपदस्थ करना
(iii) पर्याप्त वर्षा होना
(iv) लोकतंत्र से दूरी रखना
(ङ) आम आदमी को 'देवता' कहा गया है क्योंकि-
(i) वह देवता जैसा सरल व गुणवान है।
(ii) उसका परिश्रम वंदनीय है।
(iii) उसने देवता जैसा काम किया है।
(iv) उसे मुकुट पहनाया गया है। VIEW SOLUTION
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