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अव्यय

अव्यय - अर्थ एवं प्रयोग


'' + 'व्यय'

अर्थात, जिसका व्यय न हो। अन्य शब्दों में कहें तो वे शब्द जिनमें परिवर्तन (व्यय) नहीं होता, अव्यय कहलाते हैं।

जैसे: अत्र, तत्र, अद्य, श्व आदि अव्यय हैं।

(1) तर्हि

तर्हि का अर्थ होता है, 'तो, इसलिए'

तर्हि सर्वं दायित्वं भवत: एव।

इसलिए अब आपकी हीं सारी ज़िम्मेदारी है।

तर्हि पानकं आनयामि।

तो मैं जूस लाता हूँ।

(2) यावत्तावत्

यावत्तावत् का अर्थ होता है, 'जैसे ही, वैसे ही'(ज्योंहि-त्योंहि)

यावत् आवश्यकं तावत कुरु।

जैसा आवश्यक हो वैसा करो।

यावत पाठशालां गतवान तावन् घण्टा…

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